प्रेम..... तुम संग ❤️

प्रेम..... तुम संग ❤️
RKYMAHADEV


तुमसे इतना ही प्रेम कर पाया

कि कहीं मृत होते

पौधे को देखकर

उसमें नए पुष्प के प्रस्फुटन की

कल्पना कर सकूं......❤



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