सच्चा जीवन.....💐💐

सच्चा_जीवन.......💐💐


  जो व्यक्ति हर पल अपने प्रति ईमानदार रहता है, वास्तव में वही सच्चा ज़ीवन जीता है। कबीरदास जी ने कहा है कि ईश्वर ने जिस तरह पवित्र आत्मा के साथ तुम्हें पृथ्वी पर भेजा था, ठीक उसी तरह उन्हें दे देना। जो व्यक्ति ईश्वर को कभी नही भूलता और सदैव अपने कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक निभाता है और मिल जाये तो उसी में संतुष्ट हो जाता है वही सच्चा व सुखी है।
  संतोष जीवन है और असंतोष मृत्यु। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र और सबसे बड़ा दुश्मन विचार ही है। मनुष्य को यह जानना-समझना होता है कि कौन-सा विचार उसका मित्र है और कौन शत्रु। सकारात्मक विचार अपने साथ कई दोस्तो को लाता है और नकारात्मक विचारों वाला व्यक्ति कई दुश्मनों से घिर जाता है। असल में सभी लोग जीवन को अपने-अपने नज़रिये से देखते हैं, कोई कहता है कि जीवन एक खेल है, कोई कहता है कि जीवन ईश्वर द्वारा दिया गया उपहार है, कोई कहता है कि जीवन एक यात्रा है, कोई कहता है जीवन एक दौड़ है।
   कहने का तात्पर्य यही है कि हम किस नजरिये से जीवन को देखते हैं, हमारा जीवन वैसा ही बन जायेगा, लेकिन सच्चा जीवन वही जी सकता है जो अपने जन्म और मृत्यु के बीच को समय को हास्य और प्रेम से भर दें।
  अक्सर मनुष्य अपने भविष्य व अतीत के बारे में ही सोचता रहता है और इसी चक्कर में वर्तमान की परवाह नही करता, जबकि जीवन वर्तमान में ही है। कल कभी नही आता, जो है आज और अभी है। जो समय बीत गया उसे स्मरण करके मनुष्य को पछताना नही चाहिये। अगर अतीत में मनुष्य से कोई गलती हुई भी है तो उससे सबक लेकर वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करना चाहिये। मनुष्य को भविष्य में आने वाले संकटों को देखकर घबराना नही चाहिए, क्योंकि जिस मनुष्य का वर्तमान आनंदित है उसका भविष्य भी अच्छा होगा।

                                                               - महादेव

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