अनकहे लफ्ज़...❤️



तुमको याद करना
उतना ही जरूरी हैं,
जितना याद करना एक
दुधमुँहे बच्चें को
उसकी माँ का ।

तुम्हारा ख्याल करना
उतना ही जरूरी हैं,
जितना ख्याल नवविवाहित जोड़े
एक दूसरे का रखते हैं।

तुम्हारा याद करना
उतना ही जरूरी है।
जितना प्रेम में डूबे नवयुगल
 याद करते हैं एक दूसरे को।

तुम्हारे बारे में सोचना
 उतना ही जरूरी हैं।
जितना एक बेरोजगार सोचता हैं,
 जॉब पाने के प्रयास के लिए।

तुमको अपना बनाना
उतना ही जरूरी हैं।
जितना एक बेघर को घर,
एक बाँझ को माँ बनने का सुख,
एक सपने को हकीकत बनाना की चाह।

इन सबके दरमियां है,
उतना ही फासला।
जितना आकाश और धरती का
मिल कर मिल न पाना।

                                                   - राहुल कुमार यादव

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