मेरी प्रेरणा..❤️
मेरी प्रेरणा!..
कभी कभी लोग मुझसे पूछा करते हैं,
कि मैं कविताएं कैसे लिख लेता हूं...
कौन - सी चीजें, व्यक्ति; मुझे मेरी कविताओं के लिए प्रेरित करता है...
क्योंकि इसका उत्तर कोई एक वाक्य नहीं है...
शायद मेरी कविताओं की प्रेरणा उन जाग कर काटी गई रास्तों से, और आलस भरे दिनों से मिलती हैं...
मेरे अंदर भरे ज्वालामुखी से या शायद मेरे शांत व्यवहार से मिलती है...
शायद उन ज़ख्मों से, जो सूख चुके हैं...
पर आज भी स्पर्श करने पर वो उतना ही पीड़ा देते हैं...
मेरी कविताओं की प्रेरणा उन वस्तुओं और लोगों से मिलती है...जो मेरे अपने ही हैं...
एक चिंतित मां से,
थके हुए पिता से,
युद्ध में हारे हुए योद्धा से,
मेरे प्रेमी के विश्वासघात से,
जीवन की दुविधाओं से,
मेरे खुद के खोए हुए व्यक्तित्व से,
जिसे मैं अपने शब्दों में ढूंढ़ता हूं....
या शायद दर्द से, विफलता से, सत्य से, असत्य से,
या उन बेचैनियों से जो मुझे पसंद आने लगी हैं,
और दुविधाओं से; जो मुझे बेचैन कर देती हैं....
ये सब मेरी प्रेरणा है!.......❤️
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