Corona Virus (CoViD-19), Symptoms of Coronavirus, Preventions..
आज कोरोना पर विश्लेषण.....
PREVENTION IS BETTER THAN CURE
रोकथाम इलाज से बेहतर है.....
Corona Virus.........CoViD-19
कॉरोना का कहर पूरे विश्व में फैलता नज़र आ रहा है....चीन, इटली, कोरिया, अमेरिका और हमारे भारत में भी इसका कहर जारी है।
आइए समझते हैं कोरॉना है क्या....थोड़ा इसको समझने के लिए आपको बायोलॉजी का थोड़ा ज्ञान होना चाहिए..... वही बायोलॉजी जिसको हम कक्षा-9 और 10 में पढ़े।
हम जानते हैं कि मानव शरीर की सबसे छोटी इकाई कोशिका है, जिसे हम इंग्लिश में सेल कहते हैं। हमारे शरीर में जो रक्त पाया जाता है उसमें एक WBC तथा एक RBC, जिनका पूरा नाम श्वेत रुधिर कणिकाएं और लाल रुधिर कणिकाएं हैं। श्वेत रुधिर कणिकाएं प्रतिरक्षी तंत्र का काम करती हैं अर्थात रोगों से लड़ने में सहायक होती हैं, ये तो रही थोड़ी भूमिका जिससे समझने में आसानी होगी........
आते हैं मूल शीर्षक पर........
Corona नामक वायरस बहुत पहले से है, पर इस समय जो Corona है वो नया है। इसके लक्षण समान्य ही बुखार, खांसी इत्यादि सब है पर ये नया। इसीलिए जिओ ट्यून पर Novel Corona Virus..... से बचा जा सकता है - ऐसा बोलता हैं क्योंकि......
NOVEL का मतलब नया होता है।......
CORONA VIRUS का ओरिजिन प्वाइंट अर्थात् मुख्य उत्पति केंद्र चीन के वुहान शहर को बताया जा रहा है, जहां से इस वायरस की उत्पति हुई है। सूत्रों के मुताबिक यह चमगादड़ों के सूप अथवा उनको खाने से हुआ है.... हालांकि यह बात सही है....खैर छोड़िए हम आपसे तथ्य पर बात करेंगे.......
इस बीमारी का नाम.....CoViD-19 है....अब समझाते हैं आपको......
पहले 'Co' का मतलब- Corona
दूसरे 'Vi' का मतलब - Virus
तीसरे 'D' का मतलब - Disease
चौथे '19' का मतलब है - वर्ष 2019
CORONA जिस वायरस से हुआ है उस Virus का नाम...... "SARS-COV-2"
जिसका पूरा नाम Severe Acute Respiratory Syndrome Corona Virus-2 है।
अब समझते हैं कि इसकी फंक्शनल एक्टिविटी कैसी है अर्थात् यह कैसे काम करता है........
देखिए!....
वायरस का शाब्दिक अर्थ विषाणु होता है अर्थात् विष का अणु।
इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह हमारे लिए हार्मफुल है, क्योंकि यह विष से भरा हुआ है।
अब आते हैं बायोलॉजी वाले टर्म्स में....देखिए आप जब कक्षा 9 या 10 की बायोलॉजी की किताब पढ़ेंगे तो आपको यह पता चलेगा कि विषाणु अकोशकीय जीव होते हैं,....आप सबको इसलिए बता रहा हूं कि जैसे ही रिपोर्ट और समाचार मिला तो मुझे पढ़ के समझने में आसानी हुई, जिससे मैं उस बात को तथ्य के साथ सरल शब्दों में आपसे साझा कर रहा........
विषाणु बनावट में अकोशकीय होते हैं अर्थात इनमें कोई कोशिका नहीं होती है। ये बाह्य वातावरण में मृत अवस्था में होते हैं। जब ये मृत अवस्था में होते ही हैं तो इनसे इतना डरते क्यों हैं हम.....तो अब बताते हैं हम...
देखिए!..
जब ये विषाणु किसी माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचते हैं तो उनको अनुकूल वातावरण मिलता है।
जब ये विषाणु किसी माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचते हैं तो उनको अनुकूल वातावरण मिलता है।
विषाणु के आंतरिक संरचना की बात करें तो इनमें कोई कोशिका नहीं होती, ये प्रोटीन के बने होते हैं और इनमें इनका आनुवंशिक पदार्थ डीएनए और RNA होता है। जब ये किसी सजीव के अंदर जाते हैं तो एक्टिव होते हैं। ये अपने काम को लेके बहुत दृढ़ निश्चय वाले होते है...हमारी आपकी तरह टालने वाले नहीं होते।
सर्वप्रथम ये हमारे शरीर के अंदर किसी माध्यम से जाते हैं ठीक, उसके बाद अनुकूल वातावरण मिलने के कारण एक्टिव होते है उसके बाद ये WBC में उपस्थित लिंफोसाइड को मार देते हैं। अब बात आती है कि लिंफोसाइड क्या होते हैं......लिंफोसाइड ऐसी सेल होती हैं जो WBC में पाई जाती हैं जिनका काम खराब वायरस को उनकी पहचान कर उसे मारने के लिए सैनिक सेल को सूचना देती है।
अब ये विषाणु लिंफोसाइड को मारकर अपने लिए अच्छा कर लेता है क्योंकि वह जीवित रहता तभी तो सूचना देता की वायरस आ गए हैं, ना ही अब जिंदा है ना ही सूचना देगा।
अब समझिए Corona Virus कैसे अपना फंक्शनल काम करता है, ये हमारे शरीर में जाके लिंफोसाइड को मारकर किसी भी पार्टिकूलर यानी विशेष अंग की कोशिका में जाके मिल जाता है, चुकीं यह प्रोटीन का बना होता है इसीलिए यह आसानी से घुल भी जाता है फिर अपना डीएनए और RNA आनुवंशिक पदार्थ कोशिका के केंद्रक में छोड़ देता है।
अब समझिए कोशिका का विभाजन दो प्रकार से होता है.... अर्धसुत्री विभाजन और समसुत्री विभाजन। जब कोशिका का विभाजन होने लगता है तो यह भी साथ अपना प्रजनन करता है, क्योंकि यह पहले ही आपके प्रतिरक्षी तंत्र को खराब कर दिया है। अब पूरे शरीर में फैल जाता है और उस व्यक्ति का अगर समय से पहले इलाज नहीं हुआ तो काम गिरा देता अर्थात् ...मर जाता है...
अब वर्तमान स्थिति......
किसी भी विषाणु का जीवनकाल 3 से 4 महीने तक का होता है, मुख्यत मैं Corona की बात कर रहा।
उसके कई चरण होते हैं, जो निम्न हैं --------
पहला चरण..... इनऐकुबेसन पीरियड
इस पीरियड में कोई भी विषाणु किसी के शरीर में प्रवेश कर जितने दिन तक न्यूट्रलाइज रहता है, उतने दिन तक का समय चालन पीरियड कहलाता है। इस पीरियड में व्यक्ति विशेष को पता भी नहीं चलता कि मेरे अंदर कोई वायरस है भी या नहीं, क्योंकि वह शांत होता।
दूसरा चरण......सूचना पीरियड
इस पीरियड में व्यक्ति को उस वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं अर्थात उसको खांसी अथवा जो भी उससे सम्बन्धित है...वो पता होने लगता है।
तीसरा चरण......प्रजनन पीरियड
इस पीरियड में यह वायरस अपना प्रजनन करता है अर्थात एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है। इसकी संक्रमण की दर लगभग पांच गुणा होती है। सबसे ख़तरनाक चरण यही होता है।
चौथा चरण.......हाफ रिकवरी पीरियड
पांचवा चरण...... फूल रिकवरी पीरियड
इन दोनों चरणों में धीरे धीरे व्यक्ति ठीक होने लगते हैं और उसका प्रभाव भी कम होने लगता है।
चीन में इस समय रिकवरी पीरियड चल रहा है, अब वहां धीरे धीरे नियंत्रण किया जा रहा है, हालांकि वहां के वुहान शहर में कोई बचा नहीं है...रिपोर्ट के अनुसार।
हमारे यहां भारत में........
भारत में अभी आज तक, अभी का 140 केसेस सामने आएं है जिनको Corona का संक्रमण था। इस समय भारत में Corona Virus का मल्टीपल पीरियड अर्थात प्रजनन पीरियड चल रहा है।
11 मार्च को हमारी सरकार ने इस रोग को महामारी घोषित कर दिया। प्रजनन पीरियड में वह विषाणु पांच गुने तेज़ी से फैलेगा, इसीलिए इसको ध्यान में रखते हुए सभी कॉलेज, विद्यालय, परीक्षाएं सभी को बन्द अथवा निरस्त किया गया।
देखिए चीन कभी भी अपना डाटा एकदम सही नहीं बताएगा। आप समझ सकते हैं कि केवल 6000 ही लोग मरे हुए होंगे....?
मैं बता देता हूं इसका पांच गुना केस वहां पर हुई होगी...यह तथ्य कहता है। खैर छोड़िए......
हमें जागरूक होकर सबको सतर्क करना है, इस महामारी का इलाज संभव है लेकिन उस वैक्सीन को आने में अभी बहुत समय लगेगा इससे पहले उसका इंतजार करने से बेहतर है कि रोकथाम, बचाव करें और फैल रहे अंधविश्वासों को फैलने से रोके।
आप समझ सकते हैं कि चीन, इटली इत्यादि देश का बुरा हाल है तो हम तो उन देशों से बहुत पीछे है।
सतर्क रहिए, सावधान रहिए और खुद को आइसोलेटेड रखिए अर्थात भीड़ से दूर, अकेले घर पर रहिए...कम घूमिए और कम घुमाइए...........
प्रजनन पीरियड समाप्त होते ही सब स्कूल, कॉलेज इत्यादि को प्रारम्भ किया जाएगा।
एक अंधविश्वास.....🙈🙉🙊
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तापमान....
तापमान बढ़ेगा तो Corona का असर कम होगा.....यह सब झूठ है, ऐसा कुछ नहीं है, मैं ऊपर ही सब समझाया हूं की विषाणु बाह्य वातावरण में मृत रहता है तो जो पहले से मृत अवस्था में है उसका तापमान क्या करेगा।
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मुर्गा खाने से.....
मुर्गा खाने से कोई Corona से प्रभावित नहीं होगा, सब झूठ है। इस समय हरी सब्जियों से अच्छा ही है कि खूब चिकन खाएं...क्योंकि यह भी 50₹ -60₹ किलो मिल रहा है और भिंडी लेने जाएंगे तो 80₹ किलो मिलेगा।
क्योंकि मुर्गा अर्थात मांस खाने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है।
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गौ-मूत्र का....इत्यादि...
गौ मूत्र का भी अंधविश्वास इस समय चरम सीमा पर है कि इसे पीने से Corona से कोई संक्रमित नहीं होगा........ये सब बकवास है, झूठ है।
इन सब से आप दूर रहें, हमेशा हाथ धोते रहें, हाथ से मुंह या नाक को छूने से बचें.....
आशा करता हूं मैं आप सबको सरल शब्दों में समझाने का जो प्रयास किया हूं....वो सफल होगा।
कोरोना वायरस से बचाव-
- अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। अगर साबुन ना हो तो सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
- अपनी नाक और मुंह को ढक करक रखें।
- बीमार लोगों से दूरी बना रखें। उनके बर्तन का इस्तेमाल ना करें और उन्हें छुए भी नहीं। इससे मरीज़ और आप दोनों ही सुरक्षित रहेंगे।
- घर को साफ रखें और बाहर से आने वाली चीज़ों को भी साफ करके ही घर में लाएं।
- नॉन वेज खासकर सी-फूड खाने से बचें, क्योंकि कोरोना वायरल सी-फूड से ही फैला है।
प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर.......
राहुल कुमार यादव
🙊🙉🙈
बहुत सुंदर लेख....����
ReplyDeleteसंग्रह योग्य लेख
ReplyDeleteNice Writing ….. Good Work
ReplyDeleteबहुत सुंदर पोस्ट लगा, keep it up.
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