रंगरेज ...😍
रंगरेज...!
एक दिन आएगा जब तुम्हे रंग लगाने से पहले कुछ सोचना नहीं पड़ेगा! एक दिन आएगा जब तुम्हारे साथ नाचने, गाने, झूमने में कोई लज्जा, कोई शर्म नहीं आएगी! एक दिन आएगा जब तुम्हारे साथ बेखटके ,बेरोकटोक होली खेलूंगा!
जब मेरे गुलाल लगे हाथ तुम्हारे पूवे जैसे गालों पर फिरेंगे तब मेरी प्रेम की ऊर्जा मेरे हाथों से होती हुई तुम्हारे चेहरे के रस्ते तुम्हारे हृदय में समा जाएगी! तुम सिहर सिहर जाओगी, पिघल पिघल जाओगी! तुम्हार मन करेगा कि सारी लाजो हया भुलाकर मुझे अपनी बाहों में भर लो, पर फिर तुम्हारी नारी सुलभ लज्जा तुम्हे रोक देगी और फिर हम दोनों अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करते हुए मुस्कुरा देंगे!
दुनिया को दिखेगा कि तुम्हारे गाल रंगे हैं,पर तुम जानोगी कि तुम्हारा अन्तस्, तुम्हारा अंतर्मन तक मेरे रंग में रंग चुका है!
मैं तुम्हारे चेहरे पर गुलाल लगी उंगलियां फेरूंगा और वही कही नेपथ्य में चल रहा होगा...."मेरा नाम इश्क़, तेरा नाम इश्क़...ये लाल इश्क़, ये मलाल इश्क़, ये ऐब इश्क़, ये वैर इश्क़!"
फिर ये होली चली जाएगी, पर रंग नहीं जाएगा तुम्हारा! अरे हम तो उन प्रेमियों में से हैं, जो प्रेमिका के हाथों के स्पर्श के बाद दिनभर हाथ तक नहीं धुलते, फिर ये तो तुम्हारा लगाया हुआ रंग है! प्रेम का रंग! इसे कैसे छूटने दूँ भला!
जब हम मिलेंगे न! उस दिन होली नहीं रहेगी! फिर भी उस दिन की शुरुआत तुम्हे रंगकर ही करनी है!उस दिन सारे त्योहार मना लेने हैं तुम्हारे साथ मेरी रंगरेज!
रामनवमी बीतने के बाद भी राम जी से मांगते रहना है तुम्हे, शिवरात्रि के बाद भी भोलेनाथ से गुहराते रहना है तुम्हारी भलाई के लिए और छठ के बाद भी छठी माई से मांगते रहना है तुम्हारी खैर!
तुम सुन रही हो न मेरी रंगरेज.....!
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