घुटन...😔
यह तीन अक्षर का शब्द बड़ा ही अवसाद वाला है।
घुटन का मतलब होता है, बिना किसी बाहरी आघात के आपको अन्दर ही अन्दर अत्यंत दुःख, कष्ट होना... जिसकी कल्पना करना बेहद ही कठिन है.... इस स्थिति में ना चोट लगती है, ना ही कोई निशान दिखता है, ना ही और कुछ...
लेकिन दर्द एकदम अव्वल दर्जे का होगा, आप छटपटाएंगे; मानो जैसे आपको कोई पानी में डूबो रहा हो... घुटन का कारण कुछ भी हो सकता है.. भूतकाल में बीते हुए कुछ यादें, कोई गहरी बात..कोई संस्मरण या कोई वृहद भयावह घटना...इत्यादि ।
घुटन पर कुछ पंक्तियां...
भरी है जीवन में इतनी घुटन
रहा रिश्तों में उलझा,सदा ही मन
तलाशता रहा प्यार का दामन
न वफ़ा ही मिली,न कोई हमदम।
सूनी रातों में फिर टूटा तारा कहीं
लगा यूं मिल जाएगा किनारा कहीं
चाहूं संग उसका, अब हर घड़ी
पर उलझनें हैं फिर भी साथ में खड़ी।
सब रिश्तों से मिलती,है क्यूं चुभन
कभी खुल के जीने को तरसे ये मन
क्यूं भरी है जीवन में इतनी घुटन…
घुटन में आत्मविश्वास की कमी होने लगती है... शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य ढिलमिलाने लगता है... आंखों के नीचे काले धब्बे उभरने लगते है... स्पष्टत: ...ये काले धब्बे आपके जीवन रूपी आसमां पर अंधेरा को सर्व विद्यमान करने के लिए एकदम लालायित रहते हैं...
घुटन में व्यक्ति विशेष कमजोर होते जाता है, किसी काम में मन भी नही लगता, निश्तेज होने लगता है...
आगे का पूरा ब्लॉग जल्द ही मिलेगा....
अपडेट हो रहा है...... सब्र करें.....!!
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