एकांत व ठहराव....😊

RKYMAHADEV




आधुनिक जीवन में हमारे चारों तरफ शोर-शराबे, भीड़-भाड़, संवाद-वाद, विश्वास-अविश्वास की भागमभाग देखने को मिलती है। ऐसे माहौल में एकांत की खोज विचार के अनुकूल होती है। एकांत से तात्कालिक समस्याओं से दूरी होती है और चिंताओं का सामना करने की शक्ति मिलती है।
एकांत एक ऐसा स्थान है जहाँ हम अपने आत्मा के साथ अकेले होते हैं और मानसिक शांति एवं स्पष्टता का आनंद लेते हैं। यह वह समय है जब हम खुद से मिलते हैं, अपने सपनों, विचारों और अन्तरंग भावों को समझते हैं और अपने जीवन के मार्गदर्शक के रूप में अपने आत्मा की सुनते हैं।

एकांत का महत्व जीवन में अधिकता के समय में और जीवन की भागदौड़ और तनाव से राहत पाने में होता है। एकांत में हम अपने आपसे जुड़ सकते हैं और अपने आंतरिक स्वभाव की खोज कर सकते हैं। यह हमें स्वयं को और अधिक समझने की सामर्थ्य प्रदान करता है। एकांत में हम अपने सपनों, उद्दीपनों और अनुभवों को प्रकट करते हैं, जो हमारे जीवन के उद्दीपक बन सकते हैं।

एकांत की प्राप्ति के लिए विभिन्न विधियाँ हैं। यह व्यक्ति के रुचियों और स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। कुछ लोग खुद को पुस्तकों में खो देते हैं, कुछ लोग ध्यान योग अभ्यास करते हैं, कुछ लोग नैसर्गिक सौंदर्य को देखकर अकेले समय बिताते हैं और कुछ लोग अपने विचारों और भावनाओं को लेखन में व्यक्त करते हैं। एकांत में समय बिताने से व्यक्ति मानसिक शांति प्राप्त करता है और जीवन के प्रति नई दृष्टि प्राप्त करता है।

एकांत के अनेक फायदे हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है, अवसरों को पहचानने में मदद करता है, समस्याओं के समाधान के लिए रणनीतियों का विकास करता है और सामान्य जीवन के लिए नई ऊर्जा प्रदान करता है।

जीवन का वास्तविक मूल्यांकन, जब कोई व्यक्ति विशेष अकेला होता, तब उसको समझ में आता है कि आखिरकार जीवन क्या है, इसकी सच्चाई क्या है....
हम बस भाग रहें हैं , इस चंकाचौध दुनिया में अनियमित गति कर रहे....कोई ठहराव नही है...लेकिन एक समय के बाद ठहराव होना चाहिए....

एक समय के बाद सब चीजों में ठहराव होना चाहिए, वो हमारी सोच, भावनाएं, संगति इत्यादि.....वैसे भी मनुष्य ऐसा प्राणी है उसे केवल परिवर्तन चाहिए.... वो सीमित नहीं रह सकता....लेकिन कहा जाता है न जिस चीज की चाह होती है, वो मिल जाने पर उससे दुराव होने लगता है... इसलिए इच्छाओं पर भी काबू करना होगा और जिस लक्ष्य की कल्पना करते हैं उसके लिए दृढ़ होके लगना होगा...

यह जीवन का एक रहस्यमय पहलू है जिसे समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। जिस चीज की हमें चाह होती है और वह हमें मिल जाती है, तो उससे दूर जाने की वजह कुछ इस तरह से हो सकती है:

1. उपेक्षा की भावना: कई बार जब हम किसी चीज को प्राप्त करते हैं, तो हम उसे उपेक्षा करने लगते हैं क्योंकि हम उसे पहले से ही हासिल कर चुके हैं। इससे हमारे मन में वह चीज कम मूल्यवान और असाध्य लगने लगती है।

2. परिवर्तन: जब हम चाहती हुई चीज प्राप्त करते हैं, तो कई बार हमारी चाहतों में परिवर्तन हो जाता है। हम उस चीज को अच्छी तरह से समझते हैं और पाने के बाद उसमें कुछ अनिच्छित या नगरिकता होती है, जिससे हमारी चाहत कम हो जाती है।

3. नई चाहतों की उत्पन्नता: जब हम चाहती हुई चीज प्राप्त करते हैं, तो वह हमारे अंदर नए सपने और चाहतों की उत्पन्नता कर सकती है। हम अब उस चीज से अधिक और बेहतर कोई चीज चाहने लगते हैं, जिससे हमारी दृष्टि बदल जाती है।

4. संतुष्टि की कमी: कई बार हम चाहती हुई चीज प्राप्त करने के बाद भी हम संतुष्ट नहीं होते हैं। हम उसमें कुछ न कुछ कमी देखने लगते हैं और उसे लेकर असंतुष्ट हो जाते हैं।

इन सभी कारणों से एक चीज की चाह होने पर भी उससे दूर जाने की भावना हो सकती है। हालांकि, इससे हमें सीखना चाहिए कि चाहत के पीछे क्यों भाग रहे हैं और कैसे हम अपनी चाहतों को प्राप्त करके उसमें संतुष्ट हो सकते हैं, इसीलिए ठहराव जरूरी है। 

खुद पर संयम रखना होगा...💐😊

क्योंकि.....

ठहराव का महत्व जीवन में अनिवार्य होता है, चाहे मन की इच्छा हो या कोई भी चीज। वास्तविकता में, ठहराव एक आवश्यक सांत्वना प्रक्रिया है, जिससे हम अपने जीवन को समझते हैं, विचार करते हैं और आगे की योजनाएं बनाते हैं। यह कई तरह के स्थितियों में हो सकता है:

1. सफलता और विफलता के बाद: जब हम सफलता या विफलता का सामना करते हैं, तो ठहराव की आवश्यकता होती है। सफलता के बाद ठहराव हमें यह महसूस करने देता है कि हमें अपने सफलता की प्राप्ति का उत्साही रूप से अनुभव करना चाहिए और उसे बनाए रखने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। विपरीत, विफलता के बाद ठहराव हमें यह समझने में मदद करता है कि हमें क्या गलत हुआ और कैसे हम अगली बार सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

2. आनंद और सुख के लिए: जब हम ठहराव का समय निकालते हैं, तो हम अपने पासंदीदा काम कर सकते हैं, परिवार के साथ समय बिता सकते हैं, यात्रा कर सकते हैं या अपनी पसंदीदा होबी को निभा सकते हैं। यह हमें आनंद और सुख के अनुभव का मौका देता है।

3. विचार और अध्ययन के लिए: ठहराव हमें अपने विचारों को समझने और स्वीकार करने का मौका देता है। हम अपने जीवन के विभिन्न पहलूओं को विचार करते हैं और अध्ययन करते हैं ताकि हम अपने भविष्य में बेहतर निर्णय ले सकें।

इसलिए, ठहराव का समय जीवन में अनिवार्य है। हमें समय-समय पर अपने जीवन को रुकने और आत्म-परीक्षण करने का समय निकालना चाहिए ताकि हम सफलता के मार्ग पर अग्रसर रह सकें और अपने जीवन को सफल बना सकें।


- राहुल कुमार यादव
बागी बलिया, उत्तरप्रदेश 




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